क्या आपने सोचा था कि भारत की इकॉनमी एक दिन ऐसा रिकॉर्ड तोड़ेगी? हाल ही में आया सरकारी आंकड़ा बहुतों को चौंका गया—भारत की GDP 2025 की दूसरी तिमाही में 8.2% की रफ्तार से बड़ी है! इतनी तेज ग्रोथ पिछले 6 क्वार्टर में नहीं देखी गई थी। जैसे ही यह खबर आई, शेयर बाजार में खुशी की लहर दौड़ गई और Nifty–Sensex ने नई ऊँचाई छू ली। लेकिन इस सुपरफास्ट ग्रोथ ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया—आखिर अब ब्याज दर घटानी चाहिए या रूकना चाहिए? गाँव–शहर सभी में यही चर्चा है, “इतनी तेजी कब आई थी आखिरी बार?”
GDP ने सभी एक्सपर्ट्स को चौंका दिया
असली चर्चा शुरू हुई जब सरकार ने बताया कि जुलाई–सितंबर 2025 के बीच देश की जीडीपी 8.2% से बढ़ी—जो किसी ने सोचा भी नहीं था। जानकारों की उम्मीद 7% के पास थी, लेकिन यह आंकड़ा सभी भविष्यवाणियों को पीछे छोड़ गया। सबसे ज्यादा कमाल किया मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने, जिसमें 9.1% की जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। सर्विस सेक्टर भी पीछे नहीं रहा—9.2% की ग्रोथ के साथ लोगों की पॉकेट और जॉब्स दोनों में हरकत आई। गाँवों का खर्च, फेस्टिव सीजन में बढ़ी खरीदारी और GST में आई राहत ने सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि आम लोगों के चेहरे भी खिला दिये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तेजी को ‘सरकार की सही नीति’ का नतीजा बताया। लेकिन इसी बीच RBI उलझन में पड़ गया है—इतना बढ़िया आंकड़ा आया है तो अब ब्याज दरों में कटौती हो या नहीं, यही सबसे बड़ी पहेली है।
शेयर बाजार में जबरदस्त धमाका, RBI सोच में
जैसे ही GDP के झंडे की खबर सामने आई, BSE Sensex और NSE Nifty दोनों रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुंच गए। Sensex ने पहली बार 86,000 की लेवल छू लिया जबकि Nifty 26,325 के पार चला गया। बैंक, मेटल, ऑटो—हर सेक्टर में जबरदस्त चाल रही। FII ने लगभग 3,795 करोड़ की बिकवाली की, लेकिन घरेलू निवेशकों ने उससे भी ज्यादा 4,148 करोड़ की खरीदारी कर बाज़ार को मजबूत बनाए रखा। अब सबकी नजर अगले हफ्ते होने वाली RBI की पॉलिसी मीटिंग पर है। यह मीटिंग 3 दिसंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगी और RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा बताएंगे कि अब repo rate में कटौती होगी या नहीं। पिछले कुछ महीनों में RBI ने रेट धीरे-धीरे घटाकर 5.5% कर दिया था, लेकिन अब GDP के इस रिकॉर्ड नंबर की वजह से रेट कट का मामला उलझ गया है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि महंगाई रिकॉर्ड लो स्तर (0.25%) पर होने के बावजूद, इतनी तेज ग्रोथ के बाद RBI शायद रुके।
पिछले सालभर में भारत की इकॉनमी की कहानी
अगर पीछे देखें तो पिछले साल यानी अक्टूबर 2024 के मुकाबले, इस बार की ग्रोथ बहुत दमदार रही है—तब GDP 5.6% की pace से बढ़ी थी। पहली तिमाही (अप्रैल–जून) में भी भारत की GDP 7.8% बढ़ी थी, मगर अब यह स्पीड और तेज हो गई। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की लहर, GST में राहत, सरकार का खर्च और village–towns की खरीददारी—इन सब ने मिलकर इकॉनमी को नई ताकत दी है। वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि festive season की वजह से प्रॉडक्शन भी advance में हुआ, जिससे आंकड़े सुधर गए। RBI खुद पिछले कुछ वक्त से दरें घटा रहा है, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं—कि आगे का रास्ता काफी सोच–समझ कर तय करना होगा। देश के सबसे बड़े बैंक SBIs और क्रेडिट एजेंसियों की रिपोर्ट भी यही कहती हैं कि ग्रोथ रेट अब सालभर 7% पार रह सकती है, मगर ब्याज दर में कटौती थोड़ी टल सकती है।
इंडिया की इकॉनमी ने सबको यही सवाल पूछने पर मजबूर कर दिया है—क्या अब हम दुनिया की सबसे तेज ग्रो करते देशों में टॉप पर हैं? शेयर बाजार में गई तेजी, गांव से लेकर शहर तक लोगों की उम्मीदें और सरकारी फैसलों का असर—हर तरफ चर्चा है। RBI की अगली पॉलिसी मीटिंग पर सबकी नजरें टिकी हैं—अगर रेट कट हुआ तो लोन सस्ते हो सकते हैं, लेकिन अगर RBI ने रुकने का फैसला किया तो इकॉनमी को स्टेबल बनाए रखने का मैसेज मिलेगा। आने वाले दिनों में GST में राहत, फसल की पैदावार और ग्लोबल मार्केट्स की चाल—ये सभी मिलकर भारत के अगले कुछ महीनों का आर्थिक रास्ता तय करेंगे। सबको उम्मीद है कि ये ग्रोथ सिर्फ डेटा में नहीं, बल्कि हर किसी की जिंदगी में आसानी लेकर आएगी। सरकारी घोषणाओं और हेल्पलाइन्स के लिए PIB और सरकारी वेबसाइट देखें।

