कल्पना कीजिए आप 35,000 फीट की ऊंचाई पर हों और अचानक विमान का एक इंजन फेल हो जाए। यही हुआ वाशिंगटन से म्यूनिख जा रहे यूनाइटेड एयरलाइंस के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के साथ। 25 जुलाई की शाम, महज 5,000 फीट की ऊंचाई पर ही विमान का बायां इंजन काम करना बंद कर दिया। पायलट्स ने तुरंत "मेडे" (MAYDAY) का संदेश भेजा और आपातकालीन प्रोटोकॉल शुरू कर दिया। 2 घंटे 38 मिनट के संघर्ष के बाद, उन्होंने विमान को सुरक्षित वापस वाशिंगटन डुल्स एयरपोर्ट पर उतार दिया। विमान में सवार 200 से ज्यादा यात्रियों की जान बच गई।
क्या हुआ था उस रात?
यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट UA108 वाशिंगटन डुल्स एयरपोर्ट से शाम 5:30 बजे म्यूनिख के लिए रवाना हुई। विमान में 212 यात्री और 10 क्रू मेंबर सवार थे। टेकऑफ के महज 15 मिनट बाद, करीब 5,000 फीट की ऊंचाई पर विमान का बायां इंजन अचानक फेल हो गया। पायलट्स ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल को मेडे सिग्नल भेजा। उन्होंने विमान का एक्स्ट्रा फ्यूल डंप करने का फैसला लिया ताकि लैंडिंग सुरक्षित हो सके। करीब 6,000 फीट की ऊंचाई पर वाशिंगटन के उत्तर-पश्चिम में उन्होंने फ्यूल डंप किया। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) की मदद से विमान को सुरक्षित उतारा गया, लेकिन इंजन को हुए नुकसान के कारण विमान को टो ट्रक की मदद से हटाना पड़ा।
क्या है बोइंग 787 का सुरक्षा रिकॉर्ड?
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को लेकर यह पहला मामला नहीं है। जून 2025 में अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787 की दुर्घटना में 261 लोगों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला था कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान के फ्यूल कटऑफ स्विच एक्टिवेट हो गए थे, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। इससे पहले 2013 में भी बोइंग 787 के बैटरी में आग लगने की कई घटनाएं हुई थीं। हालांकि, बोइंग कंपनी का दावा है कि 787 उनके सबसे सुरक्षित विमानों में से एक है और दुनिया भर में 1,100 से ज्यादा 787 विमान सुरक्षित उड़ान भर रहे हैं।
अब क्या होगा आगे?
FAA (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) और NTSB (नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड) इस घटना की जांच कर रहे हैं। यूनाइटेड एयरलाइंस ने कहा है कि वह पूरी तरह से जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेगी। विमान के ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए भेजा गया है। इस बीच, गल्फ एयर ने 12 नए बोइंग 787 विमानों का ऑर्डर दिया है, जो दिखाता है कि एयरलाइंस अभी भी इस मॉडल पर भरोसा करती हैं। हालांकि, इस घटना के बाद बोइंग को अपने इंजन सिस्टम पर फिर से गौर करना पड़ सकता है।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि हवाई यात्रा कितनी जोखिम भरी हो सकती है, लेकिन प्रशिक्षित पायलट्स और मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। UA108 के पायलट्स ने जिस कुशलता से विमान को सुरक्षित उतारा, वह उनके प्रशिक्षण और शांत दिमाग का नतीजा था। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि इंजन फेल होने की वजह क्या थी। एक बात तो तय है - इस घटना के बाद बोइंग 787 की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से सवाल उठने लगे हैं।
