PM Modi का Ghana दौरा बना इतिहास, 30 साल बाद ऐसा स्वागत

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By - jordarkhabar.in
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह सिर्फ उनकी कूटनीति नहीं, बल्कि Ghana में मिला उनका भव्य स्वागत भी है। करीब 30 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री Ghana पहुंचा है, और यह दौरा ऐतिहासिक बन गया है। Accra एयरपोर्ट पर जब प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे, तो Ghana की सरकार ने उन्हें पूरी गरिमा और सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी। यह वही देश है जहां साल 1985 में आखिरी बार PM राजीव गांधी ने कदम रखा था। इस दौरे के जरिए भारत और Ghana के बीच व्यापार, निवेश, एनर्जी और कल्चरल एक्सचेंज को लेकर कई अहम फैसले हुए हैं। 

PM Modi Ghana visit
PM Modi को Ghana में मिला 21 तोपों की सलामी

PM Modi का स्वागत: जोश, परंपरा और सम्मान

जैसे ही PM मोदी की फ्लाइट Ghana की राजधानी Accra में लैंड हुई, वहां का माहौल बिल्कुल उत्सव जैसा हो गया। Ghana की आर्मी ने उन्हें फुल गार्ड ऑफ ऑनर दिया, और इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी गई—जो कि वहां किसी भी विदेशी राष्ट्र प्रमुख को दिए जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है। राष्ट्रपति जॉन द्रमानी महामा ने खुद एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया और दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी से हाथ मिलाया गया। Ghana की पारंपरिक संस्कृति के अनुसार उन्हें स्थानीय वस्त्र पहनाए गए और पारंपरिक नृत्य से उनका स्वागत किया गया। लोगों की भीड़ PM मोदी की एक झलक पाने को उमड़ी हुई थी, जो बताता है कि भारत और Ghana के रिश्ते केवल सरकारों के नहीं, बल्कि लोगों के बीच भी कितने मजबूत हो चुके हैं।


भारत-गाना रिश्ते: व्यापार से लेकर संस्कृति तक

इस यात्रा का मकसद केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना था। दोनों देशों ने टैक्सेशन, ट्रेड, आयुर्वेद, कल्चरल एक्सचेंज और एजुकेशन के क्षेत्र में कई समझौते किए। Ghana, West Africa का एक प्रमुख देश है और भारत पहले से ही वहां के टॉप ट्रेडिंग पार्टनर्स में शामिल है। मोदी ने Ghana को भारतीय तकनीक और संसाधनों से जोड़ने की बात कही, जिससे युवाओं को रोजगार, किसानों को नई खेती की तकनीक और स्थानीय इंडस्ट्री को भारत के साथ सहयोग मिल सकेगा। साथ ही उन्होंने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति, यानी आयुर्वेद और यूनानी को भी Ghana में प्रमोट करने की बात कही। एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों ने विकास की नई राहों पर साथ चलने का वादा किया।


महुआ मोइत्रा का वार: "सबसे ज़्यादा घूमने वाले PM!"

एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विदेशी सरकारें इस दौरे को ‘डिप्लोमैटिक मास्टरस्ट्रोक’ मान रही हैं, वहीं भारत में विपक्ष खासतौर पर TMC की फायरब्रांड नेता महुआ मोइत्रा ने इस पर निशाना साधा है। उन्होंने मोदी को ‘सबसे ज़्यादा घूमने वाले प्रधानमंत्री’ बताया और सवाल उठाया कि क्या यह सब टैक्सपेयर्स के पैसे से हो रहा है? महुआ ने 1980 के दशक के एक पूर्व सांसद T.N. मुनि का उदाहरण दिया, जो विदेश यात्राओं के लिए बदनाम थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “लगता है अब मोदी जी ने उनका रिकॉर्ड तोड़ने की ठान ली है।” इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है—कुछ लोग कह रहे हैं कि यह जरूरी कूटनीति है, तो कुछ इसे ‘प्रचार’ बता रहे हैं। ऐसे में ये सवाल बड़ा हो गया है कि देश के पैसे का इस्तेमाल किस हद तक विदेशी दौरों पर हो, और क्या हर दौरा जरूरी है?


कुल मिलाकर, PM मोदी का Ghana दौरा एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। करीब तीन दशक बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने वहां जाकर दोनों देशों के रिश्ते को नई ताकत दी है। जहां Ghana ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया, वहीं भारत ने भी एक मजबूत दोस्ती की पेशकश की। हालांकि, विपक्ष की तरफ से उठाए गए सवाल ये याद दिलाते हैं कि लोकतंत्र में हर फैसले पर नजर रखना भी जरूरी है। क्या विदेशी दौरे देश की छवि को मजबूत करते हैं, या घरेलू मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं — ये बहस आगे भी जारी रहेगी। लेकिन फिलहाल, Ghana में PM मोदी का भव्य स्वागत और गर्मजोशी से भरा दौरा हर भारतीय को गर्व करने का मौका जरूर देता है।


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