कॉलेज गेट बंद करके रेप, फिर इनहेलर देकर की और ज्यादा बर्बरता: कोलकाता लॉ कॉलेज केस की पूरी कहानी

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By - jordarkhabar.in
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कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में जो हुआ, वो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 25 जून की वो शाम जब एक लॉ की छात्रा कॉलेज में अकेली पढ़ रही थी, तभी तीन लड़कों ने उस पर हमला किया। आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने पहले तो उसे इनहेलर दिया क्योंकि वह पैनिक अटैक में थी, लेकिन ये मदद नहीं बल्कि और ज्यादा जुल्म करने की साजिश थी। जैसे ही वो ठीक हुई, मोनोजीत ने कॉलेज के गेट बंद कर दिए, उसे गार्ड रूम में घसीटा और वहां उसके साथ गैंगरेप किया। इस पूरे वक्त दो अन्य आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी वीडियो बना रहे थे। पुलिस के मुताबिक ये सब कॉलेज के सीसीटीवी में कैद है।


कोलकाता लॉ कॉलेज रेप केस आरोपी मोनोजीत मिश्रा
गैंगरेप के मुख्य आरोपी 31 साल के मोनोजीत मिश्रा

"इनहेलर देकर की और ज्यादा बर्बर बना दिया": कोर्ट में पुलिस का बयान

पुलिस ने कोर्ट में बताया कि मोनोजीत मिश्रा ने जानबूझकर पीड़िता को इनहेलर दिया ताकि वो होश में आए और वो उस पर और ज्यादा जुल्म कर सके। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर कई जगह खरोंच और चोट के निशान मिले हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने सीसीटीवी कैमरों को नजरअंदाज किया था क्योंकि वो खुद को बहुत ताकतवर समझते थे। लेकिन अब यही कैमरा फुटेज उनके खिलाफ सबसे बड़ा सबूत बन गया है। सभी चार आरोपियों को 8 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर रखा गया है।


कैंपस पर मचाया आतंक: लड़कियों की तस्वीरें लेकर बनाता था मेम्स

कॉलेज के कई छात्रों ने बताया कि मोनोजीत मिश्रा सालों से कैंपस पर आतंक मचा रहा था। वो लड़कियों की तस्वीरें खींचता, उन्हें मॉर्फ करके व्हाट्सएप पर वायरल करता था। 2019 में उसने एक लड़की के कपड़े फाड़ दिए थे, लेकिन उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। 2024 में उसने एक सिक्योरिटी गार्ड को पीटा और कॉलेज की संपत्ति तोड़ी, लेकिन वो बच निकला। छात्रों का कहना है कि मोनोजीत के पीछे राजनीतिक ताकत थी, इसलिए कोई उसे छू नहीं पाता था। अब तक उसके खिलाफ 7 से ज्यादा FIR दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन हर बार वो बच निकला।


कॉलेज प्रशासन की लापरवाही: वाइस प्रिंसिपल से संपर्क कर चुका था आरोपी

SIT की जांच में पता चला है कि रेप के अगले दिन मोनोजीत ने कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चट्टोपाध्याय से बात की थी। पुलिस जांच कर रही है कि क्या उन्होंने इस अपराध पर चर्चा की थी। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्हें मीडिया के जरिए इस घटना के बारे में पता चला, जबकि स्टाफ और छात्रों ने उन्हें नहीं बताया। सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी, जिसे गिरफ्तार किया गया है, वो उस दिन जल्दी चला गया था क्योंकि उसे स्वास्थ्य समस्याएं थीं। कॉलेज ने अब नई सिक्योरिटी एजेंसी नियुक्त करने और महिला सिक्योरिटी गार्ड रखने का फैसला किया है।


ये केस सिर्फ एक रेप की घटना नहीं है, बल्कि ये हमारे समाज और शिक्षण संस्थानों में फैली बुराई की पोल खोलता है। जब तक मोनोजीत जैसे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहेगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। कॉलेज कैंपस जहां छात्राओं को सुरक्षित महसूस करना चाहिए, वहां अगर ऐसे आतंकी घूमेंगे तो किसी की बेटी सुरक्षित कैसे रह पाएगी? पुलिस की त्वरित कार्रवाई और कोर्ट के सख्त रुख से उम्मीद की एक किरण जरूर दिखती है, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब समाज की सोच बदलेगी और हर स्तर पर जवाबदेही तय होगी।


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