कल्पना कीजिए - आप X (पूर्व Twitter) पर एक सवाल टाइप करते हैं और कुछ ही सेकंड में आपको एक पूरा वीडियो जवाब मिलता है! यह कोई साइंस फिक्शन नहीं, बल्कि Perplexity AI का नया कमाल है। 19 जून 2025 को लॉन्च हुए इस फीचर ने इंटरनेट को हिला कर रख दिया है। बस @AskPerplexity को टैग करके आप 8 सेकंड के AI-जनरेटेड वीडियो पा सकते हैं - जिसमें विजुअल्स के साथ आवाज भी शामिल होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार की नई AI गाइडलाइन्स के चलते यह टूल जल्द ही और भी सुरक्षित होने वाला है? आइए जानते हैं इस टेक्नोलॉजी के पीछे की पूरी कहानी...
कैसे काम करता है यह जादुई टूल?
Perplexity AI का यह नया फीचर इस्तेमाल करना बेहद आसान है। आपको बस X पर कोई भी सवाल ट्वीट करना है और उसमें @AskPerplexity को टैग करना है। जैसे अगर आप लिखें "समझाइए कि बारिश कैसे होती है @AskPerplexity" - तो कुछ ही मिनटों में आपको एक 8 सेकंड का वीडियो रिप्लाई मिलेगा। यह टूल AI की ताकत को नए स्तर पर ले जाता है क्योंकि यह सिर्फ टेक्स्ट नहीं, बल्कि ऑडियो और विजुअल कंटेंट भी बना रहा है। कंपनी के मुताबिक यह फीचर अभी टेस्टिंग फेज में है और इसे धीरे-धीरे सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार की AI गाइडलाइन्स और भविष्य
1 मार्च 2024 को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की थी। इसमें AI द्वारा बनाए गए कंटेंट (जैसे वीडियो, ऑडियो, इमेज) पर स्पष्ट लेबलिंग और डिजिटल वॉटरमार्क लगाने की सिफारिश की गई थी। हालांकि अभी तक यह सिर्फ एक सलाह है और कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है। IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि "AI टूल्स को भारत के डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।" इसके तहत आने वाले समय में Perplexity जैसे टूल्स को अपने AI जनरेटेड वीडियोज में वॉटरमार्क और डिस्क्लेमर जोड़ने पड़ सकते हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया और सवाल
इस नए फीचर ने X पर खूब वायरल हो रहा है। कुछ यूजर्स ने गंभीर सवाल पूछे जैसे "जलवायु परिवर्तन के प्रभाव समझाइए", तो कुछ ने मजाकिया सवाल भी किए जैसे "समोसे की पार्टी का वीडियो बनाओ"। Perplexity AI ने खुद एक ट्वीट में कहा, "हमने आपके वीडियो रिक्वेस्ट देखे... कुछ लोगों को सच में मदद चाहिए!" टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सोशल मीडिया और AI का एक अनोखा कॉम्बिनेशन है जो कंटेंट क्रिएशन को नया आयाम दे सकता है। हालांकि, कई यूजर्स को चिंता है कि इस टूल का गलत इस्तेमाल (जैसे फेक न्यूज बनाने में) भी हो सकता है।
Perplexity AI का यह नया प्रयोग दिखाता है कि AI टेक्नोलॉजी कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है। जहां पहले AI सिर्फ टेक्स्ट जनरेट करता था, अब वह पूरे वीडियो बना रहा है। यह टूल छोटे क्रिएटर्स, शिक्षकों और करिअर बनाने वालों के लिए वरदान साबित हो सकता है। हालांकि, जैसा कि हर नई टेक्नोलॉजी के साथ होता है, इसे अपनाने में समय लगेगा और इसमें सुधार की गुंजाइश हमेशा रहेगी। एक बात तो तय है - AI की दुनिया में यह एक बड़ा कदम है जो हमें भविष्य की झलक दिखाता है। अब देखना यह है कि भारत सरकार की नई गाइडलाइन्स के साथ यह टूल कैसे विकसित होता है और डिजिटल भारत के नए युग में कैसे फिट बैठता है।
