आज सुबह जब ईरान के इस्फ़हान शहर के लोग सोकर उठे, तो उन्होंने आसमान में धुएं के गुबार देखे। इजरायली फाइटर जेट्स ने शहर के न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर पर फिर हमला कर दिया था। यह इस हफ्ते का दूसरा बड़ा हमला था। इसी बीच, तेल अवीव में ईरानी मिसाइलों के कारण इमारतों में आग लग गई। दोनों देशों के बीच यह जंग अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अब तक 430 लोग मारे जा चुके हैं और 3,500 से ज्यादा घायल हैं। यूएन और दूसरे देश इस लड़ाई को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
इजरायल का दूसरा बड़ा हमला: न्यूक्लियर प्लांट को निशाना
आज सुबह करीब 4 बजे, इजरायली वायुसेना के 50 से ज्यादा फाइटर जेट्स ने ईरान के इस्फ़हान शहर में न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर पर बम बरसाए। यहां यूरेनियम को परमाणु ईंधन में बदलने वाली फैक्ट्री है। इजरायल का कहना है कि उन्होंने सेंट्रीफ्यूज बनाने वाली मशीनों को नष्ट कर दिया है। सेंट्रीफ्यूज वो मशीनें होती हैं जो यूरेनियम को समृद्ध (enrich) करती हैं। इससे पहले 13 जून को भी इजरायल ने ईरान के नाटन्ज और अराक न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) ने कहा है कि अभी तक किसी रेडिएशन लीक की खबर नहीं है, लेकिन उनकी टीम वहां पहुंच चुकी है।
तेल अवीव में आग, ईरान ने किया जवाबी हमला
इजरायल के हमले के जवाब में ईरान ने तेल अवीव पर 5 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजरायल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इनमें से ज्यादातर को मार गिराया, लेकिन कुछ मिसाइलों के टुकड़े शहर की इमारतों पर गिरे। इससे कई जगह आग लग गई। फायर ब्रिगेड ने घंटों तक आग पर काबू पाने की कोशिश की। अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में 24 लोगों की मौत हुई है। ईरान ने कहा है कि उसने पिछले एक हफ्ते में इजरायल पर 470 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन्स फायर किए हैं। दोनों तरफ के लोग डर के साए में जी रहे हैं। तेहरान के कई लोग शहर छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि हर रोज नए हमले हो रहे हैं।
अमेरिका की चेतावनी, दुनिया की चिंता
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान को "दो हफ्ते का समय" है वरना अमेरिका भी इस जंग में कूद सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल के हमलों को रोकना "बहुत मुश्किल" है क्योंकि इजरायल "जीत रहा है"। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति बनाने की अपील की है। भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को इस इलाके से निकालना शुरू कर दिया है। ईरान की सरकार ने कहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन पहले दुनिया को इजरायल के हमलों की निंदा करनी चाहिए। दूसरी तरफ, इजरायल का कहना है कि वह ईरान के परमाणु हथियार बनाने के कार्यक्रम को रोकने के लिए मजबूर है।
यह लड़ाई अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। दोनों तरफ के आम लोगों की जिंदगी खतरे में है। न्यूक्लियर साइट्स पर हमले एक बेहद खतरनाक प्रीसीडेंट हैं जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह जंग जल्द नहीं रुकी, तो यह पूरे मध्य पूर्व में फैल सकती है। फिलहाल, दुनिया की नजरें अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र पर टिकी हैं कि वे किस तरह इस संकट को शांत करते हैं। एक तरफ जहां ईरान के लोग डरे हुए हैं, वहीं इजरायल के नागरिक भी बंकरों में छिपने को मजबूर हैं। यह वो दृश्य है जिसे कोई भी नहीं देखना चाहता था।
