लीड्स में आज कुछ ऐसा हुआ जिसने क्रिकेट फैंस को भावुक कर दिया! भारत के युवा ओपनर यशस्वी जैसवाल ने पैर में तेज दर्द और क्रैम्प्स झेलते हुए भी इंग्लैंड के खिलाफ शतक जड़कर इतिहास रच दिया। पहले टेस्ट के पहले दिन भारत ने 209 रन बनाकर सिर्फ 2 विकेट गंवाए। नए कप्तान शुबमन गिल ने भी बेहतरीन अर्धशतक बनाया। इंग्लैंड की टीम बार-बार मैच रोकने पर नाराज दिखी जब जैसवाल दर्द से कराह रहे थे। ये मैच सचिन-एंडरसन ट्रॉफी के लिए खेला जा रहा है जहां दोनों टीमों के नए खिलाड़ी अपना जलवा दिखाने आए हैं।
दर्द झेलते हुए बनाया इतिहास
सुबह 11 बजे जब मैच शुरू हुआ, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यशस्वी जैसवाल आज इतनी बड़ी पारी खेलेंगे। गर्मी में पसीने से लथपथ मैदान पर जैसवाल ने जब बल्लेबाजी शुरू की तो वो सिर्फ 25 साल के हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उनके चेहरे पर दर्द साफ दिखने लगा। 70 रन बनाने के बाद वो अचानक गिर पड़े - पैर में क्रैम्प्स! मैच रुका, फिजियो आए, दर्द निवारक स्प्रे किया गया। स्टोक्स नाराजगी जता रहे थे क्योंकि ये दूसरी बार हुआ था। पर जैसवाल ने हार नहीं मानी। दर्द से भरी आँखों के साथ वो वापस खड़े हुए और 100 रन पूरे किए। ये उनका इंग्लैंड में पहला टेस्ट शतक था, और वो पहले भारतीय बने जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों जगह ओपनिंग में शतक जड़ा। स्टैंड्स में बैठे भारतीय फैंस की आँखें नम हो गईं जब वो लंगड़ाते हुए भी शॉट्स लगा रहे थे।
नए कप्तान का जलवा और इंग्लैंड की मुसीबत
टीम इंडिया के नए कप्तान शुबमन गिल सिर्फ 25 साल के हैं। कोहली और रोहित के रिटायरमेंट के बाद ये बड़ी जिम्मेदारी थी। पहली बार कप्तानी कर रहे गिल ने जब बल्ला उठाया तो सबको डर था कि कही प्रेशर में न खेल पाएँ। लेकिन उन्होंने जवाब दिया चौके-छक्कों से! जैसवाल के साथ मिलकर उन्होंने 117 रन की नाबाद जोड़ी बनाई और खुद 58 रन बनाए। ये गिल का पहला टेस्ट मैच था इंग्लैंड में और उन्होंने कप्तान बनकर पहली पारी में ही अर्धशतक ठोक दिया। दूसरी तरफ इंग्लैंड की टीम मुसीबत में दिखी। एंडरसन और ब्रॉड नहीं थे तो उनकी गेंदबाजी कमजोर लगी। क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स जैसे गेंदबाजों को भारतीय बल्लेबाजों ने खूब कूटा। स्टोक्स खुद गेंदबाजी करने उतरे और एक विकेट भी लिया, लेकिन वो जैसवाल को आउट नहीं कर पाए।
विवाद और रिकॉर्ड दोनों बने
मैच से पहले ही विवाद शुरू हो गया था जब टीम में साई सुधर्शन को चुना गया। कई लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अभिमन्यु ईश्वरन को क्यों नहीं चुना गया? सुधर्शन आज जीरो पर आउट हो गए जिससे विवाद और बढ़ गया। सोशल मीडिया पर फैंस ने BCCI पर भरपूर आग बरसाई। वहीं दूसरी तरफ जैसवाल ने एक और रिकॉर्ड बनाया - वो साल 2014 के बाद पहले भारतीय बल्लेबाज बने जिन्होंने इंग्लैंड में अपने पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ा। गिल भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुए - टेस्ट कप्तानी की पहली पारी में अर्धशतक बनाने वाले वो भारत के सबसे युवा कप्तान बन गए। इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम ने माना कि उनकी टीम को रोज बॉल चुनने में गलती हुई।
आज का दिन साफ तौर पर भारत के नाम रहा। जैसवाल और गिल की जोड़ी ने जिस तरह दर्द और दबाव को पार किया, वो हर युवा खिलाड़ी के लिए सीख है। अब नजर कल के खेल पर है। अगर भारत बड़ा स्कोर खड़ा कर पाया तो इंग्लैंड को पछताना पड़ सकता है। लेकिन क्रिकेट का खेल है, पल में पलटी मार सकता है। एक बात तय है - सचिन-एंडरसन ट्रॉफी का ये पहला मैच क्रिकेट प्रेमियों को लंबे समय तक याद रहेगा। जैसवाल के संघर्ष और जुनून ने साबित कर दिया कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, जिंदगी से लड़ने की ताकत देने वाला जज्बा भी है।
