सुबह की ताज़ी हवा, हिमालय की बर्फीली चोटियाँ और हज़ारों लोग एक साथ योग मुद्राओं में... ये नज़ारा 21 जून को लद्दाख के लेह में दिखेगा जब पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएगी। इस बार की थीम "योग फॉर हार्मोनी एंड पीस" रखी गई है जो दुनियाभर में शांति का संदेश देगी। आयुष मंत्रालय के अनुसार, इस बार 100 से ज़्यादा देशों में 50 लाख से अधिक लोग एक साथ योग करेंगे। लेह के मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग सत्र का नेतृत्व करेंगे, जहाँ सैनिक, स्थानीय निवासी और बौद्ध भिक्षु एक साथ शामिल होंगे। आइए जानते हैं कैसे तैयारियाँ चल रही हैं और आप घर बैठे कैसे जुड़ सकते हैं।
क्यों लेह को चुना गया मुख्य स्थल?
लेह में योग दिवस के आयोजन के पीछे दो खास वजहें हैं। पहली, ऊँचाई वाले इलाकों में योग के स्वास्थ्य लाभों पर रिसर्च को बढ़ावा देना। दूसरी, सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और जवानों के मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस करना। लेह के पार्कों में पहले से ही 5,000 योग मैट बिछाए जा चुके हैं। स्थानीय प्रशिक्षकों ने बताया कि रोज सुबह 4 बजे से अभ्यास शुरू हो जाता है। सुरक्षा के लिए 20 ड्रोन और 500 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। यहाँ के निवासियों में उत्साह देखते बनता है क्योंकि ऐसा पहली बार है जब कोई प्रधानमंत्री लद्दाख में योग दिवस मना रहा है।
दिल्ली से दुबई तक कहाँ-कहाँ होगा जश्न?
दिल्ली के राजपथ पर 10,000 लोग सुबह 7 बजे सूर्य नमस्कार करेंगे, जबकि मुंबई के मरीन ड्राइव पर 2 किलोमीटर लंबी योग श्रृंखला बनेगी। विदेशों में न्यूयॉर्क के यूएन मुख्यालय में सुबह का सत्र होगा जिसमें 193 देशों के राजदूत शामिल होंगे। लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर और दुबई के बुर्ज खलीफा के नीचे भी बड़े आयोजन होंगे। आयुष मंत्रालय ने 'योग कनेक्ट 2025' ऐप लॉन्च किया है जहाँ लाइव कार्यक्रम देखे जा सकते हैं। गाँवों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विशेष ट्रेनिंग ले रही हैं ताकि वे स्थानीय महिलाओं को योग सिखा सकें।
घर पर कैसे मनाएं योग दिवस?
जो लोग मैदान में नहीं जा पा रहे, उनके लिए कई आसान विकल्प हैं। डीडी नेशनल पर सुबह 6:30 बजे लाइव क्लास आयोजित होगी जिसमें बॉलीवुड सितारे भी शामिल होंगे। यूट्यूब पर '15 मिनट योग' चैनल फ्री सेशन देगा। बच्चों के लिए खास 'फन योगा गेम्स' डिजाइन किए गए हैं जिन्हें परिवार एक साथ खेल सकते हैं। कई कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है ताकि वे ऑनलाइन सत्र में भाग ले सकें। ग्रामीण इलाकों में स्कूलों के मैदान में सामूहिक योग सत्र आयोजित किए जाएंगे जहाँ स्थानीय प्रशिक्षक मार्गदर्शन करेंगे।
जब लेह की ठंडी हवाएँ हज़ारों सांसों के साथ मिलेंगी, तो योग सिर्फ व्यायाम नहीं बल्कि एकता का प्रतीक बन जाएगा। पिछले 10 सालों में योग दिवस ने साबित किया है कि स्वस्थ शरीर और शांत मन दुनिया को बदल सकते हैं। चाहे आप हिमालय की तलहटी में हों या गंगा के मैदानों में, 21 जून की सुबह सिर्फ एक आसन के लिए समय निकालिए। क्योंकि जब आपकी सांसें दुनिया की सांसों के साथ मिलती हैं, तो यही योग सच्चे अर्थों में 'वसुधैव कुटुम्बकम' को जीवंत कर देता है।
