कनाडा के Kananaskis शहर में हुए G7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के बड़े नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इनमें सबसे अहम रही कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ हुई मुलाकात, जिससे दोनों देशों के बीच पिछले एक साल से चले आ रहे तनाव में कमी आई है। साथ ही, PM मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए दुनिया को एकजुट होने का संदेश दिया। आइए जानते हैं कि ये बैठकें क्यों खास हैं और भारत के लिए क्या मायने रखती हैं।
कनाडा से मिली बड़ी राहत: 10 साल बाद बदला माहौल
PM मोदी और कनाडा के PM मार्क कार्नी की मुलाकात ने दोनों देशों के रिश्तों में नई जान डाल दी है। साल 2023 में खालिस्तानी मुद्दे पर तनाव बढ़ गया था, लेकिन अब दोनों देशों ने High Commissioners वापस भेजने, ट्रेड डील्स को आगे बढ़ाने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। मोदी ने कहा कि "लोकतंत्र और मानवता को मिलकर मजबूत करना होगा," जबकि कार्नी ने भारत के ग्लोबल लीडरशिप की तारीफ की। ये मीटिंग इसलिए भी खास है क्योंकि ये मोदी का कनाडा दौरा 2015 के बाद पहला मौका है।
दुनिया के नेताओं से हुईं मजबूत बातचीत: ट्रेड से लेकर टेरर तक
मोदी ने G7 Summit में 12 से ज्यादा देशों के नेताओं से मुलाकात की। साउथ कोरिया के साथ ग्रीन हाइड्रोजन और सेमीकंडक्टर्स, मेक्सिको के साथ फार्मा और क्रिटिकल मिनरल्स, जर्मनी के साथ डिफेंस और टेरर पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। फ्रांस के प्रेसिडेंट मैक्रों ने मीटिंग को "फ्रूटफुल" बताया, जबकि UK के PM कीर स्टारमर ने ट्रेड और सिक्योरिटी को लेकर नए समझौतों की बात कही। इन सभी मीटिंग्स में एक बात कॉमन थी – भारत की बढ़ती अहमियत और मोदी का ग्लोबल साउथ को लेकर स्ट्रॉन्ग स्टैंड।
"टेरर का समर्थन करने वाले देशों को कीमत चुकानी होगी" – मोदी का सख़्त संदेश
G7 Summit में मोदी ने टेररिज्म पर जमकर जोर दिया। जर्मनी और UK के नेताओं के साथ उन्होंने टेरर फंडिंग और क्रॉस-बॉर्डर थ्रेट्स पर गंभीर चर्चा की। एक बड़ा खुलासा हुआ कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (पाकिस्तान में एंटी-टेरर स्ट्राइक्स) को रोक दिया था, क्योंकि पाकिस्तान ने खुद मदद मांगी थी। मोदी ने साफ कहा – "जो देश टेरर को सपोर्ट करते हैं, उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी।" ये बयान दुनिया के लिए एक सख़्त चेतावनी थी।
G7 Summit में PM मोदी ने साबित कर दिया कि भारत अब ग्लोबल पॉलिटिक्स का अहम खिलाड़ी है। कनाडा से रिश्ते सुधरने से लेकर टेरर पर सख़्त स्टैंड तक – हर मोर्चे पर भारत ने अपनी ताकत दिखाई। मोदी का ये दौरा साबित करता है कि अब दुनिया भारत की बात सुन रही है। अगले कुछ महीनों में इन मीटिंग्स के नतीजे दिखने शुरू होंगे – चाहे वो ट्रेड डील्स हों या फिर टेरर के खिलाफ ग्लोबल एक्शन। एक बात तो तय है – भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी आवाज़ मजबूती से उठा रहा है।
