TCS ने खत्म की वर्क फ्रॉम होम की सुविधा, 35 दिन में प्रोजेक्ट न मिलने पर होगी नौकरी खतरे में

Writer
By - jordarkhabar.in
0

कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली आईटी दिग्गज कंपनी TCS ने अब पूरी तरह से रिमोट वर्किंग को अलविदा कह दिया है। कंपनी ने न सिर्फ कर्मचारियों को ऑफिस वापस बुलाने का आदेश दिया है, बल्कि एक सख्त नियम भी लागू किया है - जिन कर्मचारियों को अभी तक कोई प्रोजेक्ट नहीं मिला है, उनके पास अब सिर्फ 35 दिनों का समय होगा नई भूमिका ढूंढने के लिए। नहीं तो उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। यह फैसला TCS के उस '25/25' विज़न से पूरी तरह उलट है जिसमें कंपनी ने 2025 तक सिर्फ 25% कर्मचारियों को ही ऑफिस बुलाने की बात कही थी।


TCS ऑफिस में कर्मचारी
TCS ऑफिस में लौट रहे कर्मचारी

क्या है TCS का नया नियम?

TCS ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए दो बड़े फैसले लिए हैं। पहला - अब कोई भी कर्मचारी पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम नहीं कर पाएगा। सभी को हफ्ते में कम से कम 3 दिन ऑफिस आना होगा। दूसरा और चौंकाने वाला फैसला - जो कर्मचारी अभी तक किसी प्रोजेक्ट पर नहीं लगे हैं, उन्हें सिर्फ 35 दिनों का समय दिया गया है नई भूमिका ढूंढने के लिए। अगर वे इतने दिनों में प्रोजेक्ट नहीं जॉइन कर पाते हैं, तो उन्हें परफॉरमेंस इम्प्रूवमेंट प्लान (PIP) पर रखा जाएगा और अंत में नौकरी से निकाले जाने तक की नौबत आ सकती है। कंपनी का कहना है कि यह फैसला प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और नए कर्मचारियों को बेहतर ट्रेनिंग देने के लिए लिया गया है।


कोरोना काल के वादे से क्यों पलटी TCS?

साल 2020 में जब पूरी दुनिया लॉकडाउन में थी, तब TCS के CEO राजेश गोपीनाथन ने '25/25' मॉडल पेश किया था। इसके तहत कहा गया था कि 2025 तक सिर्फ 25% कर्मचारी ही ऑफिस आएंगे और बाकी रिमोट वर्क कर सकेंगे। लेकिन अब कंपनी ने इस पॉलिसी को पूरी तरह से बदल दिया है। TCS के COO एन. गणपति सुब्रह्मण्यम ने बताया, "ऑफिस आने से काम की गुणवत्ता बेहतर होती है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो पिछले दो साल में जॉइन किए हैं। वे ऑफिस आकर TCS की कल्चर को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।" एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला IT सेक्टर में चल रहे मंदी के दौर और क्लाइंट्स के दबाव की वजह से लिया गया है।


कर्मचारियों की क्या है प्रतिक्रिया?

TCS के इस फैसले पर कर्मचारियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ कर्मचारी खुश हैं कि अब वे दोबारा ऑफिस के माहौल में काम कर पाएंगे, जबकि कई लोगों को यह फैसला पसंद नहीं आया है। बेंगलुरु में रहने वाली TCS की एक एम्प्लॉयी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "मैंने वर्क फ्रॉम होम के दौरान बच्चे को जन्म दिया था। अब ऑफिस जाने के लिए मुझे हर दिन 2 घंटे की जद्दोजहद करनी पड़ेगी।" वहीं, दिल्ली के एक सीनियर डेवलपर ने कहा, "ऑफिस वापसी से टीम वर्क बेहतर हुआ है, लेकिन कई कर्मचारियों ने तो वर्क फ्रॉम होम के लिए ही शहर छोड़ दिया था। उनके लिए यह बड़ा झटका है।" रिपोर्ट्स के मुताबिक, TCS के 42% कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम खत्म होने पर नौकरी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।


TCS का यह फैसला न सिर्फ उसके लाखों कर्मचारियों के जीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि पूरे IT सेक्टर के लिए एक संदेश भी है। कोरोना काल में जिस तरह वर्क फ्रॉम होम को 'न्यू नॉर्मल' बताया जा रहा था, आज कंपनियां उससे पीछे हटती नजर आ रही हैं। TCS के इस कदम से साफ है कि बड़ी कंपनियां अब कर्मचारियों की सुविधा से ज्यादा प्रोडक्टिविटी और प्रॉफिट को तरजीह दे रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह फैसला कंपनी को फायदा पहुंचाएगा या फिर टैलेंटेड एम्प्लॉयीज के पलायन का कारण बनेगा? आने वाले महीनों में यह साफ हो जाएगा कि TCS का यह गैम्बल काम आया या नहीं।


एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!