अगर आपको पता चले कि एक टेक्नोलॉजी से देश की कमाई में 600 बिलियन डॉलर तक का इजाफा हो सकता है, तो क्या आप चौंकेंगे? यही धमाकेदार रिपोर्ट पेश की है NITI Aayog ने – “AI for Viksit Bharat”! अब बस सोचिए, वही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जो आज मोबाइल में सिर्फ फोटो एडिट या चैटिंग में इस्तेमाल होता है, वो आगे चलकर भारत को एक नई ऊँचाई पर ले जा सकता है। यही नहीं, इस AI के सहारे भारत अपना GDP 8.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकता है, जो आज के मुताबिक 1.7 ट्रिलियन डॉलर ज्यादा है। गाँव हो या शहर, सबके रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बदलाव आने वाला है, और आगे चलकर रोजगार, बैंकिंग, फैक्टरी से लेकर हॉस्पिटल तक, सबकुछ बदलने वाला है। तो जानिए कैसे AI हमारे सपनों वाला देश बनाने में मदद करेगा।
क्या है असली चैलेंज?
जहाँ एक तरफ AI से देश की कमाई तेजी से बढ़ सकती है, वहीं दूसरी तरफ भारत को अपनी आबादी को ‘नई टेक्नोलॉजी’ के लिए तैयार करना होगा। बैंकिंग और मैन्युफैक्चरिंग ऐसे सेक्टर हैं जहाँ सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ बैंकिंग में ही AI से 50-55 बिलियन डॉलर तक का फायदा 2035 तक हो सकता है। मैन्युफैक्चरिंग (Factory सेक्टर) में ये आंकड़ा 85-100 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है। इसका मतलब है, factories में मशीनें और इंसान दोनों साथ काम करेंगे, जिससे सामान बनने की स्पीड और quality दोनों बेहतर होंगी। बैंकों में fraud detection, personalized loan और फास्ट सर्विस जैसी चीजें आम हो जाएंगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जितना फायदा होगा, उतना ही बड़ा चैलेंज भी सामने आएगा – क्योंकि कई पुराने रोजगार AI की वजह से खत्म हो सकते हैं। इसीलिए सरकार को अब ऐसे लोगों को फिर से ट्रेनिंग देकर नए हल निकालने होंगे, जिससे कोई भी बेरोजगार न हो। सरकार ने साफ कहा है कि AI regulation ऐसा होना चाहिए, जो नई innovation को रोकना नहीं, बल्कि आगे बढ़ाना चाहिए। इसलिए अब district लेवल तक AI चलाने की तैयारी है।
AI का सफर: कब से कब तक?
NITI Aayog की रिपोर्ट सोमवार को पेश की गई। इसके बाद से देशभर में हड़कंप है – आखिरकार AI से इतने बड़े बदलाव की बात, पहली बार सरकारी रिपोर्ट में साफ-साफ कही गई। वैसे, इंडिया का सपना है कि 2035 तक Viksit Bharat यानी तेजी से बढ़ती economy वाला देश बन जाए। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर इंडिया का annual growth rate 8% तक पहुंच जाता है, तो ये सपना पूरा हो सकता है। अभी, भारत का growth rate करीब 5.7% है और ऐसे में GDP 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकती है। पर अगर AI पर सही तरीके से काम हुआ, तो भारत 8.3 ट्रिलियन डॉलर के टारगेट तक पहुंच सकता है।
एक और हकीकत – ये बदलाव केवल tech सेक्टर तक सीमित नहीं रहेगा। फार्मा सेक्टर में दवाओं के खोजने में मदद मिलेगी, जिससे इलाज सस्ता और फास्ट होगा। ऑटो सेक्टर में ऐसा software आएगा जिससे सड़क पर 18-20 मिलियन गाड़ियाँ AI से चल सकती हैं, जिससे एक्सपोर्ट का भी बड़ा फायदा मिलेगा।
सरकार की तैयारी और आगे का रास्ता
रिपोर्ट पेश करते हुए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कहा – “AI की स्पीड जितनी तेज है, regulation भी उसी हिसाब से flexible होना चाहिए।” इसका मतलब, innovation कभी नहीं रुकना चाहिए। आगे, फरवरी 2026 में इंडिया में AI Impact Summit होने वाली है, जिसमें दुनिया के कई देश शामिल होंगे। इस बार summit में पूरी बात practical deployment और real impact पर होगी, ताकि गावों से लेकर शहर तक AI के actual benefits दिखें।
NITI Aayog के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा – “अगर हमें Viksit Bharat की राह पर तेज रफ्तार चाहिए, तो AI ही सबसे बड़ा हथियार है। productivity और innovation दोनों में धमाकेदार उछाल तभी आएगा, जब AI को सही सेक्टर में, सही तरीके से अपनाया जाएगा।” सरकार ने district level तक AI की पहुँच बनाने की जिम्मेदारी भी ली है। आने वाले दिन में रोजगार, पढ़ाई, इलाज, खेती, सबकुछ बदलने वाला है।
देश का सपना, सिर्फ कागज पर नहीं, अब हकीकत बनने वाला है। AI से जुड़ी ये नई कहानी इंडिया को विश्व पटल पर एक नई पहचान देगी। अगर सरकार और लोग मिलकर इसे अपनाते हैं, तो न सिर्फ हमारी GDP, बल्कि हमारी जिन्दगी में भी एक बड़ा उजाला आएगा। जरूरत है हर आदमी को ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और जानकारी देने की, ताकि कोई भी पीछे न रह जाए।
AI, इंडिया के लिए सिर्फ एक नया software नहीं, बल्कि एक नया भविष्य है। इसके लिए अगर आप भी जानना चाहते हैं – रोजगार, सीख, या सरकारी योजनाओं के बारे में, तो https://www.niti.gov.in/ पर जरूर विज़िट करें।

