सोचिए, अगर किसी ने पिछले साल Gold में पैसे लगाए होते, तो आज उसकी जेब सेंसेक्स वाले दोस्त से बहुत ज्यादा भारी होती! जी हां, Gold ने सितंबर 2025 में ऐसा झटका दिया है कि हर दूसरा निवेशक बस इसके मजबूत रिटर्न्स की चर्चा कर रहा है। Gold का दाम इंडिया में ₹1,11,170 प्रति 10 ग्राम के आज के रिकॉर्ड पर है, वहीं इंटरनेशनल मार्केट में Gold $3,645 प्रति ounce तक पहुंच गया। पिछले एक साल में Gold का रिटर्न 41% से भी ज्यादा रहा, जबकि सेंसेक्स सिर्फ अपनी जगह पर ही बैठा रहा। यह सब उस समय हुआ जब दुनिया भर के सेंट्रल बैंक, महंगाई, और अमेरिकन फेडरल रिजर्व की पॉलिसी ने बाजार को हिला डाला। अब हर शहर और गांव में लोग यही पूछ रहे हैं—आखिर Gold में क्या जादू है, और क्या ये रैली अभी और चलेगी?
Gold की रिकॉर्ड रैली: किसने दी इतनी उड़ान?
Gold की ये Rally सिर्फ इंडिया में नहीं, पूरी दुनिया में छाई हुई है। इसके कई बड़े कारण हैं। सबसे बड़ा कारण—अमेरिका और बाकी देशों की अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती। जब भी ऐसी कोई हालत बनती है, Gold को 'Safe Haven' यानी सुरक्षित निवेश समझा जाता है। ऊपर से, U.S. Federal Reserve के 17 सितंबर के Meeting में ब्याज दरें कम करने की उम्मीद है। इससे Gold के भाव और पंख लग गए हैं। एक तरफ जहां सेंसेक्स ने पिछले साल सिर्फ 1.2% का रिटर्न दिया, वहीं Gold ने 50% रिटर्न से सबको चौंका दिया। देश-विदेश की बड़ी संस्थाएं और Central Banks—खासकर चीन—Gold खरीदने में लगी हैं। इसका असर ये है कि गली-मोहल्ले से लेकर बड़े निवेशकों तक में Gold खरीदने की होड़ मच गई है। कई भारतीय परिवार तो गोल्ड ज्वैलरी खरीदने के बजाय अब गोल्ड बांड या गोल्ड ETF की ओर बढ़ रहे हैं, ताकि मुनाफा सीधा मिल सके।
रफ्तार कैसे बनी: बीते महीने से आज तक की कहानी
अगर पीछे मुड़कर देखें, तो अगस्त 2025 में अमेरिका से आई कमजोर Jobs रिपोर्ट और President Trump के Tariff विवाद से बाजार धराशायी दिखा। इसी बीच, Gold धीरे-धीरे ऊपर जाता गया। 9 सितंबर 2025 को Gold ने इंटरनेशनल मार्केट में $3,667.06 का रिकॉर्ड छू लिया। इंडिया में भी Gold ने 1,11,000 का आंकड़ा पार किया—जो पहले कभी नहीं हुआ। फेडरल रिजर्व के रेट कट के कयास चलते रहे, जिससे Gold को लगातार सपोर्ट मिलता गया। अब September 17 की Meeting का इंतजार है, जहाँ 0.25% Rate Cut लगभग तय माना जा रहा है। हर जगह चर्चा है कि सेंसेक्स-गोल्ड Ratio 0.76 पर आ गई है, जो बताता है कि Stock मार्केट अब कम दाम पर मिल रहा है, और आगे Equity में तेजी देखने को मिल सकती है। यानी, Gold ने तो सेंसेक्स के आगे दोड़ लगाई—but Experts मानते हैं, ये रफ्तार आगे भी बरकरार रहेगी या नहीं, इसे लेकर बहस जारी है।
अब क्या करें निवेशक? पोर्टफोलियो में गोल्ड का कितना हिस्सा रखें?
Gold की बढ़ती कीमत ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। मोटी बात—कई बड़े Fund Managers और Advisors बोल रहे हैं कि अब Gold में "ध्यान से और लिमिट के साथ" निवेश करें। Verified Reports के मुताबिक, पोर्टफोलियो में Gold का हिस्सा 10-15% तक होना चाहिए— न ज्यादा, न कम। कारण साफ है—Gold आपको Currency की कमजोरी और Geopolitical tension से प्रोटेक्ट करता है। लेकिन सिर्फ Gold पर पूरा भरोसा करना भी रिस्की हो सकता है। Experts का कहना है कि अब, जब सेंसेक्स-गोल्ड Ratio बहुत नीचे है, तो Equity की तरफ भी देखना समझदारी हो सकती है। लेकिन Gold की रैली ने बहुत से Family Investors का दिल जीत लिया है। कई लोग अब Physical Gold की जगह Digital Gold और Gold Bonds में निवेश करने लगे हैं, ताकि फिर कभी ऐसी Rally आये तो फायदा सीधा मिले।
2025 की ये Gold Rally हर शहर, गाँव, और Investor के लिए एक सीख है—Risk Diversify करो, Trend देखो, और जब पूरा बाजार एक दिशा में जा रहा हो तो Numbingly FOMO में न आओ। आज चाहे Gold में खुशी की लहर हो, लेकिन समझदारी इसी में है, कि पोर्टफोलियो को बैलेंस करके चलो। Gold की तेज रफ्तार ने ये भी दिखा दिया कि Global News, Central Banks और U.S. Policies इंडिया के आम Investor की जेब पर कितना असर डाल सकते हैं। अब जो दोस्त Gold खरीद रहे हैं, वो सोच-समझकर Buy करें। जरूरत हो तो Verified Advisors से सलाह लें। FOMO से बचें, Trend के पीछे न भागें। और हाँ, सरकारी Sovereign Gold Bonds या Digitally Verified Gold Schemes को चुनें, वहां सुरक्षा और ट्रांसपेरेंसी दोनों मिलती है। लेटेस्ट updates और निवेश गाइडेंस के लिए हमेशा Trusted News साईट्स (जैसे NDTV, PIB, TOI, Economic Times) और Government Financial Portals पर नजर रखें।

