आज सुबह सूरज निकलते ही राजस्थान के श्री गंगानगर में तापमान 47.3°C (117°F) तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली और लखनऊ में भी पारा 45°C से ऊपर चढ़ा हुआ है। इस भीषण गर्मी ने कुछ दिनों से पूरे उत्तर भारत में तबाही मचाई हुई है। सड़क पर काम करने वाले मजदूर, बच्चे और बुज़ुर्ग सभी तेज़ लू से बेहाल हैं, बिजली-पानी की किल्लत बढ़ रही है और स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा गई हैं। राहत की उम्मीद अब 13–15 जून के बीच आंधी-बारिश या मॉनसूनी हवाओं से ही बची है।
कहर की आशंका बढ़ी
IMD ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी कर दिया है। हरियाणा के सिरसा में पारा 46.4°C, पंजाब के समराला में 46.1°C तक पहुंचा, और चंडीगढ़ में 43.8°C रिकॉर्ड हुआ। अगले दो दिन में तापमान 1–2°C और बढ़ने की संभावना है।
लोगों की ज़िंदगी पर असर
चंडीगढ़ की सुख़ना झील में पानी का स्तर गिरने से मछलियाँ मर रही हैं, लोग दिन ढलने तक घरों में बंद हैं। कानपुर में उमस इतनी बढ़ी कि 42.9°C में सांस लेना भी मुश्किल हो गया, और बाजार-नाली में भी चहल-पहल थम गई।
स्वास्थ्य और बिजली संकट
बुज़ुर्ग, बच्चे और सड़क पर काम करने वाले लोग डिहाइड्रेशन और heatstroke के शिकार हो रहे हैं। बिजली की मांग आसमान छू रही है, लेकिन आउटेज और रिस्पांस टाइम में देरी से कूलिंग सुविधा प्रभावित हो रही है। प्रशासन ने IMD की गाइडलाइन पर आधारित हाइड्रेशन सेंटर और आपातकालीन बिजली सपोर्ट केंद्र बनाए हैं।
यह तेज़ लू 13–15 जून तक जारी रहने के बाद तूफ़ानी हवाओं, बिजली कड़कने और हल्की बारिश के साथ कुछ राहत दे सकता है। तब तक ठंडा पानी पिएँ, दोपहर में घर के अंदर रहें, और स्वास्थ्य सतर्कता न छोड़ें।
