भारत में खुदरा महंगाई दर 3.16% | जून से RBI की ब्याज दर में कटौती संभव

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By - jordarkhabar.in
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भारत में खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2025 में 3.16% पर आ गई है, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। यह लगातार दूसरा महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से नीचे रही है। इससे उम्मीद की जा रही है कि RBI जून 2025 से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकती है।


RBI द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना, अप्रैल 2025 में महंगाई दर 3.16%
अप्रैल 2025 में महंगाई दर 3.16% दर्ज, ब्याज दर में कटौती कर सकता है RBI

अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3.16% पर

अप्रैल 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर 3.16% रही, जो मार्च के 3.34% से कम है। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण हुई है, जिसमें सब्जियों की कीमतों में 11% की गिरावट शामिल है। खाद्य महंगाई दर 1.78% रही, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है। हीना है जब महंगाई दर RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे रही है, जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है।


RBI की नीति और संभावित दर कटौती

RBI ने अप्रैल 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में अपना रुख 'उदार' (Accommodative) रखा है, जिससे संकेत मिलता है कि अब प्राथमिकता आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जून 2025 (4-6 जून की बैठक) से RBI ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (basis points) की कटौती कर सकती है, इसके बाद अगस्त और अक्टूबर में भी समान कटौती की संभावना है। इससे कुल 75 आधार अंकों की कटौती हो सकती है, जिससे रेपो दर 5.5% तक आ सकती है।


खाद्य कीमतों में गिरावट और महंगाई पर असर

अप्रैल में सब्जियों की कीमतों में 11% की गिरावट दर्ज की गई, जो मार्च में 7.04% थी। इसके अलावा, दालों की कीमतों में 5.23% की कमी आई है। इन गिरावटों के कारण खाद्य महंगाई दर में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे कुल महंगाई दर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।


आर्थिक विकास को समर्थन और बाजार की प्रतिक्रिया

महंगाई दर में गिरावट के कारण RBI के पास ब्याज दरों में कटौती का अधिक स्थान है, जिससे आर्थिक विकास को समर्थन मिल सकता है। इससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है और निवेश को प्रोत्साहन मिल सकता है। बाजार ने भी इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़ोतरी देखी गई है।


भारत में महंगाई दर के 4% से नीचे रहने के चलते RBI के पास ब्याज दरों में कटौती का अवसर है। जून से शुरू होकर अगस्त और अक्टूबर में भी दर कटौती की संभावना है, जिससे कुल 75 आधार अंकों की कटौती हो सकती है। यह कदम आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है।

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