उत्तराखंड में भीषण बाढ़: 4 मौतें, 50+ लापता, सेना जवान भी शिकार

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By - jordarkhabar.in
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आज सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने धराली और आसपास के इलाकों को तबाह कर दिया है। अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि लापता लोगों में सेना के 9 जवान भी शामिल हैं। एक 60 साल के बुजुर्ग ने बताया, "मैंने अपनी जिंदगी में इतना डरावना नज़ारा कभी नहीं देखा।"


उत्तराखंड बाढ़ में तबाही का मंजर
उत्तराखंड बाढ़: 50+ लापता, सेना के जवान भी शामिल

क्या हुआ था धराली में?

5 अगस्त की सुबह जब धराली के लोग अपने दैनिक काम में लगे थे, तभी अचानक आसमान से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सामान्य बारिश नहीं बल्कि बादल फटने जैसी स्थिति थी। कुछ ही मिनटों में खीर गंगा नदी उफान पर आ गई और पूरा इलाका पानी में डूब गया। 20-25 होटल और 40-50 घर बह गए। स्थानीय सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने इसे 2013 के केदारनाथ त्रासदी से भी बड़ा हादसा बताया है। सेना के लोअर हरसिल कैंप के 10 जवान भी इस हादसे में लापता हो गए हैं जिनमें से 2 को बचा लिया गया है।


बचाव कार्य और मुश्किलें

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना की टीमें मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। अब तक 130 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। आईटीबीपी ने अकेले 37 लोगों को बचाया है जिनमें 11 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं। रेस्क्यू टीमों ने लापता लोगों को ढूंढने के लिए खास कुत्तों (कैडेवर डॉग्स) की मदद ली है। मगर बारिश और भूस्खलन की वजह से हेलिकॉप्टर से बचाव कार्य नहीं हो पा रहा है। 163 सड़कें बंद होने से रेस्क्यू टीमों को पैदल ही आगे बढ़ना पड़ रहा है।


सरकार की कार्रवाई और हेल्पलाइन

पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सीएम धामी ने इस घटना पर नजर रखते हुए तुरंत बचाव कार्य शुरू करवाए। उत्तरकाशी में इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया गया है। तीन आईएएस अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है। 10 जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अगर आप किसी लापता व्यक्ति के बारे में जानकारी देना या लेना चाहते हैं तो इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं: 01374-222126, 222722, 9456556431। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, इसलिए लोगों से यात्रा न करने की अपील की गई है।


उत्तराखंड एक बार फिर प्रकृति के कहर का शिकार हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अंधाधुंध निर्माण की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। जब तक सभी लापता लोग नहीं मिल जाते, बचाव दल अपना काम जारी रखेंगे। हम सभी को मिलकर प्रभावित लोगों की मदद करनी चाहिए। अगर आप कुछ योगदान देना चाहते हैं तो स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। प्रधानमंत्री राहत कोष में भी दान दे सकते हैं। ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।

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