कल है कामिका एकादशी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

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By - jordarkhabar.in
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हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत सबसे पवित्र और फलदायी माना जाता है। इस बार कामिका एकादशी 21 जुलाई, सोमवार को पड़ रही है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे रखने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं, साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार एकादशी की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन है? कुछ लोग 20 जुलाई को व्रत रखने की बात कर रहे हैं, जबकि असली तिथि 21 जुलाई है। आइए जानते हैं क्यों, और साथ ही पूजा का सही समय, व्रत की कथा और इसके नियमों के बारे में विस्तार से।


कामिका एकादशी व्रत और पूजा
कल है कामिका एकादशी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

कब है कामिका एकादशी? तिथि को लेकर कन्फ्यूजन क्यों?

इस बार एकादशी की तिथि को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन है। दरअसल, एकादशी तिथि 20 जुलाई को दोपहर 12:12 बजे से शुरू हो रही है, लेकिन यह 21 जुलाई की सुबह 9:38 बजे तक रहेगी। हिंदू पंचांग के नियम के अनुसार, जब तिथि सूर्योदय के समय लागू होती है, तो उस दिन को ही व्रत रखा जाता है। इसलिए, 21 जुलाई को कामिका एकादशी मानी जाएगी। अगर आप 20 जुलाई को व्रत रखते हैं, तो यह गलत होगा। इसलिए सही तिथि 21 जुलाई को ही व्रत रखें और भगवान विष्णु की कृपा पाएं।


पूजा का सही समय और व्रत का पारण कब करें?

कामिका एकादशी पर पूजा करने के लिए कुछ खास मुहूर्त हैं जिनमें पूजा करने से अधिक फल मिलता है। सुबह 9:15 से 10:54 बजे, दोपहर 12:06 से 12:59 बजे (अभिजीत मुहूर्त), और शाम 5:30 से 7:09 बजे तक पूजा करना शुभ माना जाता है। व्रत का पारण (उपवास तोड़ना) 22 जुलाई की सुबह 5:37 से 7:05 बजे के बीच करना चाहिए। इस दौरान तुलसी के पत्ते, फल और दूध का सेवन करके व्रत खोलना चाहिए। ध्यान रखें कि एकादशी के दिन चावल, प्याज, लहसुन और नॉन-वेज खाना सख्त मना है। अगर आप पूरे नियमों से व्रत रखते हैं, तो इसका पूरा फल मिलता है।


क्या है कामिका एकादशी की कथा और इसका महत्व?

पुराणों में कामिका एकादशी की एक रोचक कथा मिलती है। कहा जाता है कि एक बार एक राजा ने अनजाने में एक ब्राह्मण की हत्या कर दी थी। इस पाप के कारण उसे नरक में जाने का डर सताने लगा। तब एक ऋषि ने उसे कामिका एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। राजा ने पूरी श्रद्धा से यह व्रत किया और भगवान विष्णु ने उसके सभी पापों को माफ कर दिया। इस व्रत का इतना महत्व है कि इसे करने से ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी धुल जाते हैं। साथ ही, इस दिन तुलसी के पास दीपक जलाने से पितृ दोष भी दूर होता है। इसलिए, जो लोग मोक्ष और पापों से मुक्ति चाहते हैं, उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए।


कामिका एकादशी का व्रत न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आध्यात्मिक और वैज्ञानिक नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। यह व्रत शरीर को डिटॉक्स करता है और मन को शांति देता है। इसलिए, अगर आप 21 जुलाई को इस व्रत को रखते हैं, तो न केवल भगवान विष्णु की कृपा मिलेगी, बल्कि आपका मन और शरीर भी स्वस्थ रहेगा। तो इस बार पूरे विधि-विधान से कामिका एकादशी का व्रत रखें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाएं।

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