31 मई को शाम 5 बजे अचानक से आपको सायरन की आवाज़ सुनाई दे सकती है। घबराइए नहीं! यह सिर्फ एक ड्रिल है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से लगे राज्यों में 31 मई को 'ऑपरेशन शील्ड' नाम की एक बड़ी मॉक ड्रिल होने वाली है। इसका मकसद है लोगों को ड्रोन अटैक, मिसाइल हमले या हवाई हमले की स्थिति में क्या करना चाहिए, इसकी ट्रेनिंग देना है।
किन राज्यों में होगी यह ड्रिल?
यह ड्रिल मुख्य रूप से पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगी: पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात। चंडीगढ़ को भी इसमें शामिल किया गया है। हालांकि, पंजाब ने अपनी ड्रिल 3 जून तक के लिए टाल दी है क्योंकि NDRF की टीम उस दिन बिजी है। गुजरात की नई तारीख अभी तय नहीं हुई है।
ड्रिल के दौरान क्या होगा?
31 मई को शाम 5 बजे से एयर रेड सायरन बजना शुरू होगा। कुछ इलाकों में ब्लैकआउट (बत्तियां बंद करने) का अभ्यास भी किया जाएगा। अस्पताल, पुलिस और फायर ब्रिगेड को छोड़कर बाकी सभी को लाइटें बंद करनी होंगी। सिविल डिफेंस की टीमें मॉक ड्रिल करेंगी, जिसमें लोगों को सेफ जगह पर ले जाया जाएगा। NCC, NSS और स्काउट्स के बच्चे भी इसमें हिस्सा लेंगे।
क्यों की जा रही है यह ड्रिल?
इस ड्रिल का सीधा संबंध 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। अब सरकार चाहती है कि बॉर्डर के पास रहने वाले लोग किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे इस ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं। अगर आप इन राज्यों में रहते हैं तो 31 मई को शाम 5 बजे सायरन सुनकर डरें नहीं। बस स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। यह सिर्फ एक अभ्यास है, ताकि असली मुसीबत के वक्त हम सब तैयार रहें!
