भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। 26 मई 2025 तक, देश में एक्टिव केस की संख्या 1009 तक पहुंच गई है। इस बार संक्रमण के पीछे नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 को जिम्मेदार माना जा रहा है, जो पहले से मौजूद JN.1 वेरिएंट की सब-लाइन हैं। हालांकि, ज्यादातर मरीजों में लक्षण हल्के हैं और वे घर पर ही ठीक हो रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
देशभर में कोविड-19 की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 26 मई 2025 तक भारत में कोविड-19 के एक्टिव केस की संख्या 1009 हो गई है। केरल में सबसे अधिक 430 केस हैं, इसके बाद महाराष्ट्र में 209 और दिल्ली में 104 केस रिपोर्ट हुए हैं। पिछले एक सप्ताह में 752 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 305 मरीज ठीक हो चुके हैं और 7 लोगों की मृत्यु हुई है।
नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की जानकारी
INSACOG के अनुसार, NB.1.8.1 वेरिएंट पहली बार अप्रैल में तमिलनाडु में पाया गया था, जबकि LF.7 वेरिएंट मई में गुजरात में सामने आया। ये दोनों वेरिएंट JN.1 वेरिएंट की सब-लाइन हैं और WHO ने इन्हें "Variants Under Monitoring" की श्रेणी में रखा है। हालांकि, इनसे जुड़े लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही हैं, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।
सरकारी तैयारियाँ और सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों को टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर जोर देने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों को ऑक्सीजन, दवाइयाँ और मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा, "लोगों को सतर्क रहना चाहिए, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।"
देश में कोविड-19 के मामलों में फिर से वृद्धि चिंता का विषय है, लेकिन समय पर सावधानी बरतकर हम इससे निपट सकते हैं। नियमित रूप से मास्क पहनें, हाथ धोएं और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें। यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर अपडेट देते रहेंगे।
